Bollywood Actor - Alok Pandey

जब जब ट्रेन में बैठकर ,निकलता था, शाहजहांपुर से ..

पापा हमेशा यहीं पर खड़े होकर ,मुझे ट्रेन की भीड़ में ढूंढने की कोशिश करते थे।


जब ट्रेन गांव को पार कर जाती थी, फिर

हम एक दूसरे से फ़ोन पर बात करते थे ।

फिर पापा अपडेट करते थे कि इस बार तुम दिखे या नही ।हद थी मासूमियत की 😊

कभी मैं पापा को देख लेता था ,लेकिन वो नही मुझे देख पाते थे

वो अहसास शब्दों में बयां नही कर सकते ,जब कभी हमारी नज़रें टकरा जाती थीं और गाड़ी भागती चली जाती थी ,वो 2 से 5 सेकंड मानो ज़िन्दगी वहीं थम जाती थी।


ये अहसास वही समझ सकता है जो लंबे समय तक अपने घर से दूर रहा हो ।


आज पापा की जगह मैं खड़ा हूँ ,ट्रेन की विंडो खाली है और पापा मेरे दिल मे धड़क रहे हैं।


✍️आज की डायरी